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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने माना कि राज्यों में जाँच के लिए भेजता है सीबीआई

 09 May 2024

अंग्रेजी अख़बार द हिंदू के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने माना है कि उसका केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई पर नियंत्रण है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पश्चिमी बंगाल सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें बंगाल सरकार ने केंद्र पर राज्य में सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ कर रही है। कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है।



क्या है मामला


पश्चिमी बंगाल सरकार ने नवंबर 2018 में दिल्ली पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 की धारा से अपनी सहमति वापस ले ली थी, जिसके आधार पर सीबीआई बिना राज्य सहमति के मामले की जांच राज्य में नहीं कर सकता था। लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य में सीबीआई के इस्तेमाल को जारी रखा। आख़िर में ममता सरकार ने केंद्र और सीबीआई के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। हालाँकि केंद्र की तरफ़ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बंगाल की याचिका को सुनवाई के लायक़ नहीं बताया और याचिका ख़ारिज करने की माँग की। उन्होंने कहा कि याचिका में सीबीआई को केंद्र की फोर्स कहा गया है, जो सही नहीं है।


बंगाल सरकार ने अपनी याचिका में स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य के अधीन आने वाले मामले में केंद्र सीबीआई को भेज कर राज्य के कामों में हस्तक्षेप करता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की तरफ़ से राज्य में 15 मामले दर्ज़ किये गये है। बंगाल सरकार की तरफ़ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वक़ील कपिल सिबल ने केंद्र शक्तियों के दुरुपयोग पर कोर्ट को चेताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य में सीबीआई के माध्यम से प्रवेश करता है, फिर प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल करता है। जिसके बाद केंद्र को जो करना होता है वो करता है। सिब्बल ने केंद्र सरकार की शक्तियों के इस उपयोग को भविष्य के लिए ख़तरा बताया है।


हालाँकि कोर्ट 2 मई को सुनवाई के दौरान केंद्र को कह चुका है कि क़ानून और व्यवस्था राज्य का विषय है।


केंद्र के वक़ील ने क्या दलीलें रखीं 


तुषार मेहता ने कहा की सीबीआई कहाँ और कैसे जाँच करती है, इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। इसपर जस्टिस संदीप ने राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांतों की धारा 5 का जिक्र किया जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग केवल राज्यों की अनुमति से बतायी गयी है। लेकिन तुषार मेहता सीबीआई पर केंद्र की भूमिका को मानने से इनकार करते रहे।जिसके बाद कोर्ट ने पूछा कि राज्यों में मामलों की जाँच के लिए सीबीआई को कौन भेजता है? इसपर तुषार ने कहा - केंद्र। 

तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई को केस में प्रमुख नहीं बनाया जा सकता है। क्योंकि सीबीआई कोई राज्य नहीं है। संविधान के अनुसार याचिका को केवल राज्य और केंद्र के ख़िलाफ़ दायर किया जा सकता है। इसलिए याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है।